
पंजाब केसरी लाला लाजपत राय एक महान समाज सुधारक, शिक्षा शास्त्री और क्रान्तिकारी थे । लाला लाजपतराय ने महर्षि दयानंद सरस्वती से प्रेरणा अपना जीवन देश की स्वतंत्रता, स्वदेशी शिक्षा और जन कल्याण में लगा दिया और अंतत: ब्रिटिश सैनिकों की लाठियों के प्रहार के कारण बलिदान हो गए । सरदार भगत सिंह और चन्द्रशेखर आज़ाद ने लालाजी के बलिदान का बलदा लेकर ईट का जवाब पत्थर से दिया ।
लालाजी ने अपनी आत्मकथा में लिखा है कि- “यदि मैं आर्य समाज में दाखिल न होता, तो यह सच है कि मैं आज जो कुछ भी हूँ, वह न होता ।“