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सर्वश्रेष्ठ कौन ? Sarvshreshth Kaun ? (How to buy this eBook)

सर्वश्रेष्ठ कौन ? Sarvshreshth Kaun ? (How to buy this eBook)

सर्वश्रेष्ठ कौन ?

प्राचीन काल से मनुष्य विभिन्न मत पंथ, संप्रदाय, जाति, देश, धर्म, समाज तथा भाषाओं में बंटा हुआ है । प्रत्येक मनुष्य का स्वार्थ किसी न किसी झुण्ड से जुड़ा हुआ रहता है । अतः स्वभावतः अपने झुण्ड के प्रति श्रद्धा तथा दूसरे झुण्ड के प्रति वैर साधारण मनुष्यों में पाया जाता है । प्रत्येक झुण्ड अपने को दूसरों से श्रेष्ठ मानता चला जाता है । साधारण शब्दों में इसे ही पक्षपात कहते हैं। वास्तव में, सर्वश्रेष्ठ कौन है, इसका निर्णय मनुष्यों को अपने अपने झुण्ड से बाहर निकलकर बिना भेदभाव के बुद्धिपूर्वक परीक्षा करके करना चाहिए । विभिन्न प्रकार के धार्मिक तथा सामाजिक साहित्य ने सर्वश्रेष्ठ कौन के झगड़े को गति दे दी है । लोभ, मोह, प्रतिस्पर्धा आदि जैसी मानवीय कमजोरियों का लाभ उठाकर कुछ स्वार्थी मनुष्य समाज को निरंतर भ्रमित करने का कार्य करते रहते हैं । स्मरण रखें कि तलवार से रक्त बहने से पूर्व कलम से स्याही बहती है अर्थात् यह पुस्तकें (साहित्य) ही है जिसने संसार को बारूद के ढेर पर पहुंचा दिया है । जैसे बंदूक लिए हुए शत्रुओं से निहत्थे नहीं लड़ा जा सकता है वैसे ही दूषित साहित्य से लड़ने के लिए महान साहित्य की आवश्यकता होती है। सर्वश्रेष्ठ कौन ? पुस्तक संसार में धर्म, संस्कृति, सभ्यता तथा इतिहास के नाम पर फैले दूषित साहित्य का पूर्ण समाधान है । ईश्वर, धर्म, इतिहास तथा धर्मग्रंथों से सम्बंधित हजारों पुस्तकों का ज्ञान इस एक पुस्तक को पढ़ने से प्राप्त हो जायेगा । इस पुस्तक की पृष्ठ संख्या 362 है ।

sarvshreshth kaun सर्वश्रेष्ठ कौन पुस्तक pdf by rahul arya

"सर्वश्रेष्ठ कौन ?" पुस्तक क्यों पढ़ें ?

वैसे तो सर्वश्रेष्ठ कौन ? पुस्तक को पढ़ने के अनेकों कारण हैं किन्तु यहाँ बड़े ही संक्षेप में कुछ महत्वपूर्ण बिन्दुओं की ओर संकेत करेंगे ताकि आपको पुस्तक की महत्ता का ठीक ठीक अनुमान लग सके ।

  1. ­ईश्वर : इस पुस्तक को पढ़कर ईश्वर से सम्बंधित सभी अनसुलझे प्रश्नों के उत्तर आपको मिल जाएंगे । जैसे भगवान है या नहीं ? वह कहाँ, कैसा, कौन तथा किसलिए है ? यदि ईश्वर है तो उससे कैसे मिल सकते है ? वह दिखाई नहीं देता तो उसे कैसे देखें ? इसके साथ साथ अन्य प्रश्न भी इस विषय पर मनुष्यों के होते हैं । इन प्रश्नों को मनुष्य लेकर पैदा होते हैं और अधिकांश मनुष्य इनके वैज्ञानिक तथा तार्किक उत्तर जाने बिना ही मर भी जाते है। अतः यह पुस्तक आपके समक्ष एक अवसर के रूप में उपस्थित है जिसके द्वारा गूढ़ ज्ञान को सरलता से प्राप्त किया जा सकता है । वैसे तो ईश्वर सभी स्थान, समय तथा परिस्थितियों से परे है किन्तु इस पुस्तक को अत्यंत सरल रूप देने के लिए सामान्य लोगों तथा बच्चों के लिए कुछ विषय तथा शब्दों को अलग प्रकार से चुना गया है । यह पुस्तक उन सामान्य धार्मिक लोगों के लिए लिखी है जिनको जटिल शब्द तथा भाषा वाली बातें तथा पुस्तकें समझ नहीं आती और वो आजीवन कुछ समझ ही नहीं पाते है । मैंने हजारों से सुना है कि सत्यार्थ प्रकाश समझ नहीं आती, अतः हमने पढ़ी ही नहीं । वास्तव में, एक महाविद्वान ऋषि अन्य विद्वानों के लिए कुछ कहता है, मेरे जैसे सामान्य व्यक्ति अन्य अति सामान्य समाज को समझाने हेतु लिखते व कहते हैं । यही कारण है कि जिन बातों को सेकड़ो लोग भी सुनना पसंद नहीं करते थे, आज करोड़ों लोग सुनते हैं । अतः मेरी यह पुस्तक, वीडियो व अन्य बातें आदि समाज के साधारण ज्ञान के पिपासु लोगों के लिए ही हैं ।
  2. धर्म : धर्म के नाम पर चल रहे धंधों की विभीषिका से बचाने हेतु यह पुस्तक पूर्णतः सक्षम है। अपने अपने रिलिजन को सर्वश्रेष्ठ सिद्ध करने वालों की पूर्ण उपचार इस पुस्तक में कर दिया गया है । मरने के बाद क्या होता है ? पुनर्जन्म आदि क्या है? जन्नत तथा स्वर्ग कहाँ तथा कैसे है ? धार्मिक ज्ञान के तीव्र पिपासु इस पुस्तक से अवश्य लाभ लेवें ।
  3. धर्मग्रंथ : संसार में सैकड़ों बड़े बड़े रिलिजन, मत-पंथ तथा सम्प्रदाय हैं । सभी अपनी अपनी पुस्तकों को भगवान की पुस्तक सिद्ध करने में लगे रहते हैं । प्रश्न उठता है कि कौन सा धर्मग्रंथ श्रेष्ठ है ? इस विषय में वेद, कुरान, बाइबिल, जिन्दावस्था, त्रिपिटक, गुरुग्रंथ साहिब, तौरेत, इंजील आदि से संबंधित अपार ज्ञान का खजाना आपको सर्वश्रेष्ठ कौन? पुस्तक में मिलेगा । सम्भवतः यह आपके जीवन की पहली ऐसी प्रामाणिक तुलनात्मक तथा विश्लेषणात्मक पुस्तक होगी जो रुचिकर उदाहरणों द्वारा गूढ़ विषयों को सरलता से समझाने में सक्षम है।
  4. इतिहास : प्राचीन मानवीय सभ्यताओं तथा भाषाओं की दुर्लभ जानकारियां इस पुस्तक में दी गयी है । हड़प्पा जैसी सभ्यताओं का भाषागत विवाद तथा आर्यों के प्राचीन इतिहास की झलक भी आपको देखने को मिलेगी। ये जानकारियां अन्य विषयों को समझाते समय अनायास ही आपको बीच बीच में मिलती रहेंगी जो विषयों को रोचक बना देती हैं तथा विभिन्न शोधक तथ्य भी बतलाती हैं । प्राचीन स्वर्णिम इतिहास पर विस्तार से अमूल्य जानकारियां तथा आश्चर्यजनक तथ्य इस पुस्तक में उपलब्ध है ।
  5. आदिमानव कब व कैसे थे ? डार्विनवाद से संसार बना अथवा व्यवस्थित बनाया गया ? यदि बनाया गया तो कैसे तथा किसने ? संसार के बनने तथा बिगड़ने से सम्बंधित प्राचीन तथा प्रामाणिक जानकारियां इस पुस्तक में दी गयी हैं ।
  6. विज्ञान : यदि आप वर्तमान विज्ञान की रोचक यात्रा का दिग्दर्शन करना चाहते हैं तथा प्राचीन वैज्ञानिक उपलब्धियों में रुचि रखते हैं तो यह पुस्तक आपको अवश्य पढ़नी चाहिए । धर्म और विज्ञान के विवाद तथा संघर्ष की रोचक कहानी तथा समाधान पाठकों का ज्ञान कई गुणा बढ़ा देगा ।
  7. धर्मयुद्ध : सज्जनों को सुख तथा दुर्जनों को दुःख देने वाली व्यवस्था तथा झुंडों से स्वयं की रक्षा के प्रभावी उपाय दर्शाये गए हैं जो प्रत्येक व्यक्ति को धर्म करने ही चाहिए अन्यथा एक दिन कोई आपके जीवन की सब शांति, समृद्धि तथा सब प्रकार के सामर्थ्य को नष्ट कर देगा।
  8. मानवता : वास्तव में मनुष्य और मानवता किसे कहते हैं ? मनुष्य, पशु-पक्षी तथा वृक्ष आदि में क्या भेद है ? क्या मनुष्य मानवता लेकर पैदा होते हैं ? भगवान होता तो बुरे कार्य क्यों होते ? श्रीराम, श्रीकृष्ण, बुद्ध, मूसा, यीशु, मुहम्मद आदि ने संसार को क्या गति दी ? वास्तव में, कौन सा ईश्वर, धर्म तथा महापुरुष सर्वश्रेष्ठ है तथा क्यों ? ऐसे अनेकों प्रश्नों के तर्क तथा प्रमाण पर आधारित उत्तर जानने के इच्छुक लोग यह पुस्तक बार बार पढ़ें।
  9. सुखी जीवन के सिद्धांत : प्रत्येक प्राणी सुख की इच्छा तथा दुःख की अनिच्छा करता है । यह पुस्तक बुद्धिपूर्वक तथा सत्य जानने की इच्छा रखने वाले के लिए दिव्य दृष्टि का कार्य करेगी । संसार को देखने तथा समझने का दृष्टिकोण दिव्य हो जाएगा ।
  10. स्वाभिमान : यह पुस्तक प्रत्येक भारतीय में ज्ञान की ज्योति प्रज्ज्वलित करके सत्य अभिमान की किरणें फैलाने में सक्षम है । जैसे वर्षा के बाद आकाश स्वच्छ दिखाई देता है वैसे ही इस पुस्तक के प्रचार के बाद धर्म का क्षेत्र स्वच्छ तथा निर्मल दिखाई देगा । इस पुस्तक को पढ़ने वाले के सामने कोई मुल्ला, मौलवी, पादरी, गुरुघंटाल अपना मुंह नहीं खोल पाएंगे ।
  11. पुस्तक की विशेषताएं : प्रत्येक मत-पंथ, सम्प्रदाय, रिलिजन तथा ग्रंथ जो इस पुस्तक में आये हैं उनका निष्पक्ष विश्लेषण किया गया है । अतः यह पुस्तक सभी रिलिजन के लोगों को पढ़नी चाहिए । इस पुस्तक की भाषा सरल तथा रोचक है, अतः बच्चों को यह पुस्तक अवश्य पढ़ाएं । प्रत्येक विषय को तर्क तथा प्रमाण के आधार पर प्रतिपादित किया गया है । सभी रिलिजन तथा भगवानों की सर्वश्रेष्ठता जानने हेतु अब सैकड़ों हजारों पुस्तक नहीं, केवल यही एक पुस्तक पर्याप्त है ।

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Comments

Sharad Singh - March 4, 2021

Om namate ji

Udit Bhardwaj - March 4, 2021

I am so thankful Mr.Rahul Arya you write this book.Amazing book🙏

Vishal Rana - January 7, 2021

This is an amazing book.The security of this website is too high and the payment mode is so easy.Buy this book guys you got a lot of changes in yourself🙏

Prashant Kumar - January 7, 2021

प्रिय मित्र, बहुत ही सुन्दर व्याख्यान किया है आपने, आप जैसे लोगभारत देश को नई दिशा प्रदान करते है।

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